वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
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वेद shiv chalisa in hindi नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर shiv chalisa in hindi लीन बचाई॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥